गढ़वाली
गढ़वाली लोग मूलरूप से भारतीय राज्य उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में रहते हैं। गढ़वाली में मुख्यतया उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में रहने वाले लोग शामिल है.
राज्यों उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश , राजस्थान और महाराष्ट् में गढ़वाली एक बड़ी मात्रा में रहते है. इसके अलावा गढ़वाली विदेशों में एक बड़े पैमाने पर आबादी में रहते हैं।मुख्यतया होटल में शेफ के रूप में गढ़वाली विश्व भर में कार्यरत है. अनुमानों के अनुसार, दिल्ली में कम से कम 25 लाख गढ़वाली प्रवासी रहते हैं।
गढ़वाल राज्य की स्थापना लगभग 1000 साल पहले मयाल राजपूतों ने पौड़ी गढ़वाल में की थी। पहले गढ़वाल में 52 रियासतें थीं जिन्हें गढ़ (बस्तियों का समूह) कहा जाता था। गढ़ एक प्रमुख होता था. मय वंश के एक शाशक के द्वारा इन सभी प्रमुखों को पराशत करके गढ़वाल साम्राज्य की स्थापना की। उन्होंने और उनके वंशजों ने गढ़वाल पर 1803 तक एकाधीन शासन किया। 1803 में गोरखाओं ने कुमाऊं और गढ़वाल पर आक्रमण किया, जिससे गढ़वाल प्रमुख ने मैदानों में प्रवेश किया। बारह वर्षों तक गोरखों ने शासन किया।1814 में ब्रिटिश ने गोरखों पर आक्र्मण कर दिया और पहली एंग्लो-नेपाली युद्ध का आरम्भ हुआ। उसके बाद गढ़वाल साम्राज्य और कुमाऊं साम्राज्य को ब्रिटिश में परिवर्तित कर दिया गया। टिहरी रियासत को राजा प्रद्युम्न शाह के राजा सुदर्शन शाह के पुत्र के रूप में बहाल किया गया था। ब्रिटिश द्वारा जीता गया एक हिस्सा ब्रिटिश गढ़वाल कहा जाता था और जिसका क्षेत्रफल 5,629 mi2 (14,580 km2) था। भौतिक समृद्धि में गढ़वाल तेजी से आगे बढ़ा।